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Anita Choudhary

Drama

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Anita Choudhary

Drama

मेरे आँगन में

मेरे आँगन में

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एक गुलाब,

खिला है आज,

मेरे आँगन में,

मेरी बगिया में।


सावन के महीने में,

रिमझिम फुहारों के बीच,

जैसे खिलखिला रहा हो,

कोई छोटा बालक।


पहने ज़र्द जामा,

हो रहा था उसकी,

हलचल का असर,

मेरे अन्तर्मन पर।


वो झूल रहा था डाली पर,

पर खुशी थी मेरी आँखों में,

मेरे चेहरे पर,

आखिर खिला था एक गुलाब।


मेरे आँगन में,

मेरी बगिया में...


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