Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anita Choudhary

Others

2  

Anita Choudhary

Others

आर्तनाद

आर्तनाद

1 min
1.4K


अंतर्मन का आर्तनाद

गहराता जा रहा

परत दर परत जमावड़ा।

बाहर कोई सुन ही न पाता

या सुनकर भी अनसुना कर दिया जाता

सुन पाती है केवल वह आधी दुनिया

उसका सुनना या न सुनना कोई मायने नहीं रखता

वो तो खुद समेटे है इक सैलाब अपने भीतर

कसमसाता लेकिन बह नहीं पाता

अगर बहता तो बेगैरत कही जाती।

आर्तनाद से टुकडे़ टुकडे़ हुआ मन

छिन्न-भिन्न होकर भी

फिर इसी आस में कि कोई आहट होगी

सुन पायेगा कभी कोई इस आर्तनाद को

और शायद समझ भी पाए

कि नारी भी इंसान है

है भावनाएं और संवेदनाएं उसमें भी

क्यों झुकना अभिशाप बन जाता

अगर चलती तनकर तो बेगैरत कही जाती।

क्या मर्द जात को वह श्रवण शक्ति न दी कुदरत ने

या न दी भावनाएं व संवेदनाएं

जो सुन सके और महसूस कर सके

उस अंतर्मन के शोर को

बचा सके उसे टुकड़े टुकड़ेे होने से

समझ सके उस समर्पण को एक वरदान

स्वयं के लिए संग सृष्टि के लिए

या की उसे भय है

सर्वोच्च सत्ता के छिन जाने का

भय है इस पुरुष प्रधान समाज के

नारी प्रधान बन जाने का

तभी सुनाई नहीं देता यह आर्तनाद

सुनकर भी अनसुना कर दिया जाता

गहराता जा रहा है भीतर

बनने को ज्वालामुखी

जिसमें जल जाना होगा

अगर फटा तो बेगैरत कही जाती।

अंतर्मन का आर्तनाद...

परत दर परत होता जमावडा़।


Rate this content
Log in