छुपा लो यूँ दिल में
छुपा लो यूँ दिल में
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रख लो न मुझे
अपने दिल की अंजुमन में
महफूज़ कुछ यूँ
अमानत की तरहा
गिर न जाऊँ कहीं पत्तियों से
शबनम की तरहा..
सजा लो न मुझे
सीपी में मोती सी
मन की संदूक में
बिखर न जाऊँ कहीं
माला से बिछड़कर
मनके की तरहा..
छूपा लो न मुझे
आगोश में अपनी
इश्क में लरजते
महबूब की तरहा
पिघल न जाऊँ कहीं
कतरा कतरा मोम की तरहा..
अपना लो ना मुझे
ज़िंदगी में सांसों की तरहा
आहिस्ता-आहिस्ता
गुमनाम सी
बिछड़ न जाऊँ कहीं
तुमसे, भटकते ज़िंदगी की
झुरमुट में कहीं..