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Bhawna Kukreti Pandey

Drama Tragedy Others

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Bhawna Kukreti Pandey

Drama Tragedy Others

छोड़ के जाना तुम्हारा

छोड़ के जाना तुम्हारा

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मैंने कहा था,

लौट के जल्द आऊंगी

पर उस एक दिन

अचानक

तुम्हारा बिना कुछ कहे

चले जाना...


उजाड़ अतीत में

यादों की

पगडंडी पर चलते

तुम्हारी ममतामयी बातों का

झुरमुट आ जाना

जैसे जेठ की दुपहरी में

घनी छांव का

अनायास मिल जाना।


ओह ! माँ..

कई बार अहसास 

दिलाती हो तुम यादों में

कि मेरा यूँ तुम्हें बोल कर 

चले आना

कतई ठीक नहीं था।


भला ऐसे भी कोई

माँ अपने बच्चों की नादानी

पर नाराज होकर 

छोड़ के जाती है!


तुम लौट आती माँ,

काश तुम लौट आती ।



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