STORYMIRROR

PRADYUMNA AROTHIYA

Drama Tragedy Inspirational

4  

PRADYUMNA AROTHIYA

Drama Tragedy Inspirational

किताबों में सिर्फ पन्ने नहीं थे

किताबों में सिर्फ पन्ने नहीं थे

1 min
339

किताबों में सिर्फ पन्ने नहीं थे

तजुर्बे भी बहुत थे

हम पढ़ सकते थे

अनपढ़ नहीं थे


जीवन के जिस मूल को

हम अक्सर भूल जाते थे

वो विश्वास के रहस्य अधूरे नहीं थे

हम चलते थे आवारा से 

जैसे हमारे कोई घर नहीं थे


जीने के सायद

बचपन जैसे ढंग कहीं नहीं थे

उन पन्नों में 

शब्दों के साथ साथ कई चित्र भी विचित्र थे


शायद कोई भार हमें दबा न दे

इसलिए उम्र के कद बड़े नहीं थे

किताबों के अंत में

कुछ पन्ने खाली नजर आते थे

शायद हम कुछ शब्द जोड़े अपनी जिंदगी में

यही सोच हम लिखने से बेखर नहीं थे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama