वक्त -रज़ पर बने पदचिन्ह
वक्त -रज़ पर बने पदचिन्ह
प्यार माँ का चुनौती से लड़ने की देता प्रेरणा,
मातृत्व भर देती है संतान में एक विशिष्ट चेतना!
वो बच्चे अपनी जिन्दगी में सदा आगे बढ़ते हैं,
जिन्होंने सीखा है मां की हर एक बात मानना!
ज़िन्दगी की सारी लड़ाई सदा जीत जाते हैं हम!
अपने ध्वज को फहरा एवरेस्ट पर रखते कदम!
हर भलाई के लिए लगा देते इन्सानियत के दम,
अस्थियाँ तक दान इंद्र को करके आते हैं हम !!
करने को रोशन वतन को वक़्त-वक़्त पे अपने!
सूर, तुलसी, मीर ग़ालिब बन के छाते हैं हम !
सारी दुनिया के लिए ख़ुद मिट तो जाते हैं पर,
पद-चिन्ह वक़्त- रज़ पर छोड़ जाते हैं हम!