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V. Aaradhyaa

Abstract Drama Tragedy

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V. Aaradhyaa

Abstract Drama Tragedy

जीवन इसी तत्क्षण

जीवन इसी तत्क्षण

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जो जी लिए वो ज़िन्दगी रही 

जो पड़े काटनी, वो है सजा !

मिला है यहां जो भी जीवन,

लिए चलें भरपूर उसका मजा !


 आज अभी बस यही एक पल,

 जो है हमारा सुनहरा क्षण !

 कल की चाह में क्यूं रहें हम,

 जीए जीवन बस इसी तत्क्षण !


ऐसा होगा तो अच्छा होगा,

नहीं चाह धरें इसकी यहां हम !

यह अनमोल जीवन मिला है,

क्यूं व्यर्थ की चिंता पालें हम !


इस पल को बना लें क्यूँ ना अपना,

क्या पता रहें कल या ना रहें हम !

जीवन का क्या पता और ठिकाना,

इस पल में जीवन जीकर गुजरें हम!


पल-पल में जो यह गुजर रहा है ,

बढ़ते जा रहें हैं कदम दर कदम,

कुछ संतति की गति भी ऐसी ही है,

सतत चलने का तो नाम ही है जीवन!



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