कहाँ आ गये हम ?
कहाँ आ गये हम ?
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कहाँ आ गये हम ?
कभी साथ थे.... आज दूर हो गये
तुम यहाँ थे, आज कहाँ गये ?
कहाँ आ गये हम?
हाथो में हाथ थे, तुम मेरे सामने थे...
तुमने वादा किया था , हमेशा साथ होंगे।
कहाँ आ गये हम?
सोचा था ज़िन्दगी की तकलीफें और ग़म, मिलके साथ सहेंगे,
हम तो हमेशा ऐसे यूँही रहेंगे।
कहाँ आ गये हम?
हमसफ़र न सही, दोस्त तो समझा होता,
मिलना न सही, बात करने का ज़रिया तो रखा होता।
कहाँ आ गये हम ?
इधर मैं हूँ, उधर तुम हो,
जीवन के वो सारे पल आज गुमनाम हो गये।