बीते लम्हे
बीते लम्हे
इन बीते लम्हों का क्या करे
वो याद बहुुुत आते हैं
इनको भुलाना चाहूँ
तो भुल नहीं पाते हैं।
काश आऐ इतना प्यारा
एहसास बीते
लम्हे कुछ खो जाये
नये आये कुछ पास।
जिंंदगी को समझ चुुके
है और नहीं समझना है
खुशियाँँ समेटनी है
हमें दुुखों का अंत करना है।।