बीता साल
बीता साल
बीतता ये साल लम्हें दे गया हजार
यादों की डायरी में जैसे कोई
नया पन्ना जुड़ा हो यार।
किसी का वार,
किसी का प्यार,
दोस्त बने हजार,
बने हैं किस्से भी कई बार।
गिनती में रहे हैं
कमजोर हम थोड़े
लेकिन हिसाब
सटीक लगाया है।
जिसने जितना दिया हमें,
थोड़ा जोड़ के ही
चुकाया है।
उम्मीद है कि
नये साल में भी
ये सिलसिला जारी रहेगा।
बस ख्वाहिश है इतनी
कि अब कोई
वार ना मिले,
क्योंकि दर्द
दोहरा होता है
लेने से ज्यादा
चुकाना मुश्किल होता है।
मिले तो बस
अपनों का प्यार मिले
वो भी बेसुमार मिले।
दिखे बस
हँसते हुए चेहरे
रोता न कोई यार मिले।।