ज़िन्दगी जी भरके, सता ले…..
ज़िन्दगी जी भरके, सता ले…..
ज़िन्दगी जी भरके, सता ले,
हौसलों का मेरे, इम्तहाँ ले।
टूटेगी न मेरी, कोई कोशिश,
तू हर ज़ोर अपना लगा ले।
ज़िन्दगी जी भरके, सता ले…..
मुश्किल हो, जितनी भी मंज़िल,
हर नाखुदा, हो जाये संगदिल,
कश्ती तो, लग कर रहेगी साहिल,
तू लहरों को, लाख उफना ले।
ज़िन्दगी जी भरके, सता ले…..
न दोस्त दे, या न वफ़ा दे,
या दर्द में, तू चाहे डूबा दे,
पाएंगे फिर भी, हर हसरत,
तू अपना, हर सितम आज़मा ले।
ज़िन्दगी जी भरके, सता ले…..
दायरों में चाहे, तू मुझको उलझा दे,
ना ज़मीन दे, या ना आसमान दे,
पंकज में, बसी रहेगी उसकी खुशबू,
तू चाहे तो, उसका जीवन चुरा ले।
ज़िन्दगी जी भरके, सता ले…..