मेरे अलावा सब ज़रूरी है
मेरे अलावा सब ज़रूरी है
मेरे अलावा सब ज़रूरी है
क्या मेरे साथ रहना कोई मज़बूरी है ?
दोस्तों के साथ वीकेंड बिताना
काम में लग के गाने गुनगुनाना
मेरे बात करने पर
फोन पर लग जाना
ये सब ज़रूरी है
क्या सच में मेरे साथ रहना कोई मज़बूरी है?
मेरी सादगी शायद तुम्हें छल गई थी
तब ज़रूरी थी या अब नहीं थी?
बेवकूफ समझते या बनाते हो
'खर्चा बहुत करती हो '
ये ज़रूर जताते हो
बचाना भी ज़रूरी है
क्या सच में मेरे साथ रहना कोई मज़बूरी है?
आज तुम्हारी ज़रूरत थी
कमज़ोरी में कह नहीं पाई
मज़बूरी दोस्तों से मिलने की
सब समझती हूँ
पर तुम्हारी चलना अच्छा लगता है
इसलिए कुछ नहीं कहती हूँ
अब साथ रहना सच में मज़बूरी है!
मेरे पिता की जगह तुम थे अब
विडंबना बस ये है
वो काम की मज़बूरी साथ नहीं रह पाते थे
और तुम मेरे साथ रहने की मज़बूरी में ........
अब सच में साथ रहना मज़बूरी है!
सही कहा था 'घर रह कर क्या करूँ?'
'ना बच्चे का बाप हूं और ना घर को मेरी ज़रूरत
वो ज़रूरत आज आंसुओं में पिरोयी
साथ रहने को मज़बूरी होई
बाकि और सब ज़रूरी है
बाकि और सब ज़रूरी है
क्योंकि साथ रहना भी मज़बूरी है!