मुझे तलाश रहा है..!
मुझे तलाश रहा है..!
(1)
समा जाते हो
फिर...
कहाँ जाते हो...!!
(2)
और...
जो आत्मसात कर लिया गया हो
वो फिर...
विस्मृत नहीं होता...!!
(3)
बस..
आदत बन गई हो
तुम..
जाते- जाते
निष्प्राण कर गई..!!
(4)
तिरी यादें कोई मरहम हैं क्या...?
सच...!
गुज़रना होता है जब भी तेरी यादों के गलियारे से
मिरे सिसकते जख़्म भी उसकी रौशनी से खिल जाते हैं..!
(5)
बूँद बूँद
समाए जैसे
एक दूजे में
हम तुम... !!
(6)
जानती हूँ
मैं..
वो मुझे तलाश रहा है
इन तस्वीरों में
पर...!