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नया साल

नया साल

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एक साल और बीत गया

जुड़ गयीं कुछ और यादें।


यादें जो दे जाएंगी इस चेहरे पर

हल्की सी मुस्कान

नीरस सी जीवन को जीवन्त करती

कुछ लम्हों की परछाई।


अकेले में भी किसी के साथ का,

एक अनोखा सा एहसास

और अनगिनत सी उन अनकही बातों को

स्वयं से कहने का एक और अवसर।


यादें कुछ ऐसी जो भीगा जाएंगी पलकें

दिलाएंगी एहसास कि

छूट गया वो स्नेहिल हाथ

जिसने रोते वक़्त हँसाया था

गोद में खुद की सुलाया था।


वो आँचल जिसमें

बेफिक्री भरी नींदें छुपी थीं

और ये सब है,

जो बस अब एक याद रह गयी हैं।


नया साल आएगा लिए एक नया सवेरा

एक नयी उम्मीद, एक नयी ऊर्जा

अपने नए कलेवरों में।


और ये यादें हैं

जो चलेंगी ताउम्र साथ मेरे,

साल-दर-साल।।


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