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Ajay Gupta

Drama Tragedy Inspirational

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Ajay Gupta

Drama Tragedy Inspirational

हमारी चैम्प

हमारी चैम्प

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हमारे कॉलेज की थी वह जान, 

नाम था उसका सुकृति चौहान, 

राज्य स्तर की वह थी तैराक, 

स्केट और टी टी में कॉलेज की शान, 

पढ़ाई में ना था उसका छोर, 

बनी थी वह कॉलेज की पहचान. 


हर पल हंसती, किसी से ना उसका बैर 

हंसी भरे चेहरे, रहते हमेशा उसको घेर 


20 साल बाद 

आज कॉलेज के री यूनियन में सब थे साथ 

बदल गए थे चेहरे, हंसते मिले हाथ से हाथ 

हमारी चैम्प है किधर, ढूँढे हम सब जिसको 

मोटी चश्मा लगाए आयी दो बच्चों के साथ 


उसके इस रूप से सब हो चले थे हैरान 

सुकृति चौहान नाम मेरा करायी अपनी पहचान 

हैरान चेहरे देख वह कुछ दबी हंसी से बोली 

एक बीमारी थायरायड किया हमको परेशान, 

परिवार और नौकरी के पाटों बीच ऐसी पिसी मैं

नौकरी छूट गई मुझसे, जो थी मेरी अभिमान 

फिर मेरे जीवन में ये दो संजीवन बन कर आए 

पिछले साल कोरोना ने ले ली मेरे प्रिय की जान 


अब फिर से हमने हार ना मानी 

थायरायड को किया तार तार 

फेफड़ों में भरी एक जोरदार साँस 

कूद पड़ी मैं फिर से मझधार 


उसकी हंसी भले मन के गम को ढक ले गए 

हम दोस्तों के चेहरे उसके दर्द से झुक से गए 

माना चैम्प हमारी है सबसे बड़ी योद्धा 

पर अभी तो सब जड़ हो रुक से गए 



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