बहाना
बहाना
पास होकर भी युही नजरें चुराना
ना जाने ढूँढ़ते हो क्यूँ तुम बहाना
साँसों की उलझन बढने लगती है
इतने करीब होकर क्यूँ तू दूर लगती है
आओ पास इतने कि फिर अलग ना हो कभी
राहत मिल जाए दिल को छू लेना तसल्लीसे कभी
तुम्हारा साथ हमेशा मनमे सादगी बया करता है
तुम ऐसे ही रहो हमेशा धड़कनों का कारवाँ कहता है।