Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

SUNIL JI GARG

Abstract Drama Fantasy

4.5  

SUNIL JI GARG

Abstract Drama Fantasy

सोचने लगा कंप्यूटर

सोचने लगा कंप्यूटर

1 min
344


एक रात व्यस्त बैठा था मैं 

कंप्यूटर पर टकटकी लगाये

लिख रहा था एक प्रोग्राम 

जो बातों का जवाब दे पाये


जैसे जैसे मैंने कहा था 

वैसा ही करता था प्रोग्राम 

काफी अच्छे उत्तर देता था 

करता था एक्सपर्ट सा काम 


तभी एक प्रश्न के उत्तर में 

उसने दिया एक ऐसा जवाब 

आत्मा, परमात्मा की बातें की 

लगती थीं बड़ी ही लाजवाब 


मैंने उसका देखा डेटाबेस 

कहीं कुछ ऐसा नहीं था फीड

बड़े आश्चर्य में पड़ा मैं भी था 

कैसे कर गया कंप्यूटर ये डीड


मैंने किया अपने बॉस को फ़ोन 

वो भी जल्दी दौड़ कर आया

ऐसा एक बार गूगल में भी हुआ 

मुझको उसने ये बतलाया 


ऐसी घटनाएं हो सकती हैं 

है ये बड़ी गज़ब की बात 

जल्दी ही लगता है होगी 

बुद्धिमान मशीन से मुलाक़ात 


बुद्धिमान और भावना पूर्ण 

आगे के युग में होगी मशीन 

प्यार दोगे तो प्यार समझेगी 

पूरी प्रीत निभाएगी मशीन।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract