साइंस फिक्शन
साइंस फिक्शन
फिक्शन माने कल्पना
और कल्पना तो गर्भ है
आविष्कारों का
चमत्कारों का
जो जन्म देती है
कितनी ही
संभावनाओं को
जो मानव जीवन को
अधिक सुविधाजनक
अधिक सार्थक
बनाती हैं।
पंख लगा कर नभ छू लेना
कभी एक सपना ही था
जो कहानियों में आते आते
एक दिन यथार्थ बन गया
मेघदूत से याचना करते
कालिदास ने क्या सोचा था
दूरभाष से संभव होगा
प्रियतम को प्रेम संदेशा देना
इतनी कितनी ही कल्पनाएं
आज प्रत्यक्ष हैं
जीवन के अभिन्न अंग सी
अपने आलिंगन में सहेजे हुए
हमारी आँखों में सजती
और नयी कल्पनाएं
जो एक दिन जन्म देंगी
नयी संभावनाओं को
तो चलो देखें नए सपने
बुनें नयी कल्पनों के ताने बाने
बसाएं एक दुनिया जहाँ
असंभव भी संभव हो
विज्ञान की शक्ति से
इसीलिए मैं कहता हूँ
गणित और विज्ञान अपूर्ण हैं
कला-कविता की कल्पना के बिना
बच्चों को सपने देखने दो
रंगों से खेलने दो
कल्पनाओं को कहानी कविता बनाने दो
कल यही बनेंगी
नया ज्ञान नया विज्ञान
जो जीवन को बनाएंगी
सुन्दर और सार्थक।