I liked to write literature as a hobby.
कहावत है कि बूंद बूंद से ही सागर भर जाता है।' कहावत है कि बूंद बूंद से ही सागर भर जाता है।'
और जो व्यक्ति इस भावना में गोता खायेगा वही इस भावना से जुड़ पायेंगे। और जो व्यक्ति इस भावना में गोता खायेगा वही इस भावना से जुड़ पायेंगे।
जब सब लोग घर से चले जाते तब मैं उसे आवाज़ लगाती 'इकी' तुम बाहर आ जाओ जब सब लोग घर से चले जाते तब मैं उसे आवाज़ लगाती 'इकी' तुम बाहर आ जाओ
सदमा एक ऐसी बीमारी हैं जिमें व्यक्ति ख़ुद का नहीं रहता। सदमा एक ऐसी बीमारी हैं जिमें व्यक्ति ख़ुद का नहीं रहता।
नहीं होती चीख़ें एक जैसी उनमें भी तरह-तरह की अपेक्षाएं आकांक्षाएं छुपी रहती हैं। नहीं होती चीख़ें एक जैसी उनमें भी तरह-तरह की अपेक्षाएं आकांक्षाएं छुपी रहती ...
रज्जो की माँ रज्जो की माँ