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Subhrakanta Mishra

Romance Others

3  

Subhrakanta Mishra

Romance Others

बेपनाह प्यार

बेपनाह प्यार

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तू इंकार करे फिर भी मैं प्यार करूँ

हो मुखालिफ कोई फिर भी मैं ऐतबार करूँ 

जमाने भर से क्या रिश्ता है मेरा 

जमाने भर की ख़ुशियाँ तुझ मे पा लूँ


कोई खता हो मन मैं उसको तहलील करूँ

तू मेरी जान है यह कुबूल करूँ

बेख़ौफ़ हो के मुझे प्यार कर

तेरी मोहब्बत की हिफाज़त मैं करूँ


इश्क़ किया नहीं हो गया था तुझ से

शायर हूँ नहीं बन गया था तुझ पे

ऐसा क्यों हुआ कैसे हुआ पता नहीं

बस कहानी तुझ से शुरू और ख़तम करूँ


रात में करवटें लेते हुए तेरी याद आती हे

दिन में धूप से लपेटते हुए तेरी याद आती है

यादें बहुत दिल को बेचैन करती है साहेब

ये ख़ुदा तू बता इन यादों का मैं क्या करूँ....



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