इंसानियत.....
इंसानियत.....
हमारी दुनिया बहुत खूबसूरत है
जहाँ हम सब मिल के रहते है ...
सब की ख़ुशी सब के ग़म को महसूस
करने की क्षमता ख़ुदा देता है ...
और होना भी चाहिए.
क्यों की इंसानियत तो इंसानों से
ही बनती है .....
फिर भी कितने ग़म है दुनिया में
लोग एक रोटी के लिए भी तरसते है ...
हमारे पास सब कुछ होता है
पर इंसानियत को हम भुला चुके है ....
ईश्वर ने बहुत शिद्दत से यह दुनिया बनायी
अमन, शांति, प्रेम से ये दुनिया सजाई...
पर कहाँ दीखता है यह सब जहां में
यहाँ प्यासे को जल भी नसीब न होता है ....
बेटे के दिल में माँ बाप के लिए जगह न होती है ..
वह दर बदर दो रोटी के लिए तरसते हैं...
फिर भी हम उम्मीद रखते हैं
की कुछ अच्छा होने वाला है ...
अमन का सूरज निकलने वाला है ..
क्यों की इंसानियत तो इंसानों से
ही बनती है .....