सफर का महत्वा
सफर का महत्वा
ज़िन्दगी में रास्ते बहुत मिलते हैं
रास्तों में मंज़िलें भी अलग होते हैं...
गाँव का कच्चा सड़क भी आता है
जो आप के गति को थम लेता है ...
पर उसी कठिनाई को सामना करके
आगे निकलते हैं बहुत सारे...
जिन्हे दुनिया मसीहा कहता है .....
ज़िन्दगी ऐसी है की शहर का पक्का सड़क
पाने के लिए गाँव के कच्चे सड़क पे
चलकर जाना पड़ता है ....
जो चल के आगे निकल गया उसका सफर
मुक्कमल हो जाता हे....
जो पीछे छूट गया उसका नसीब
बेरस हो जाता है ....