बदलाव
बदलाव
मौसम बदल गया
वक्त बदल गया
प्रकृति बदल गया
साथ में बदला घर-
घर के कमरे
दीवार और पिण्डा भी बदल गया
दोस्त बदले
रिश्ता बदला
वस्त्र - परिधान,
बाजा और धुन भी बदला
नाच बदला
साथ में बदला
लोगों के ख़ुशी भी
सोच बदला
विचार बदले
तुम्हारा और मेरा
चेहरा भी बदला
पहले जैसा
अब मैं नहीं हूँ
तुम भी तो पहले जैसे
नहीं हो
वक्त की मार
तुम्हारे चेहरे पर दिख रही है
पर, तुम्हारी वह
तिरछी नजर
लज्जा के साथ मुस्कान
अब भी बदला नहीं है...