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Kishan Negi

Horror Tragedy Inspirational

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Kishan Negi

Horror Tragedy Inspirational

बारूद के ढेर पर खड़ा मानव

बारूद के ढेर पर खड़ा मानव

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कैसे भूला तू सभ्यता अपनी

क्यों देता चुनौती कुदरत को 

आसमान छूने की चाहत में 

आज खड़ा है बारूद के ढेर पर 


बेवजह क्यों करा गुमान 

अपनी क्षणिक कामयाबी पर 

तूने खड़ा किया जो जखीरा हथियारों का 

बनेगा इक दिन यही तेरा काल 


विकास की पटकथा लिखकर 

व्यथा क्यों मूर्ख बना है तू 

क्या भूल गया हिरोशिमा की सिसकियाँ 

क्या याद नहीं नागासाकी का क्रंदन 


वक्त रहते संभल सके तो संभल जा 

वरना तेरे हाथों से बने खिलौने ही 

भोंह ताने खड़े है तुझे निगलने को।


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