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Kanchan Prabha

Tragedy

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Kanchan Prabha

Tragedy

अटल की अटलता (शोकगीत)

अटल की अटलता (शोकगीत)

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अब शब्द नही बाँकी मन में 

उनके निधन पर मै कैसे लिखूँ ?


प्रलय सा आया जन जन में 

उनके निधन पर मैं कैसे लिखूँ ?


अटल धरा का अटल वो बेेेटा

अटल रहा अपने कर्मो में 


तिमिर तेज था माथे पर और 

इकलौते नेेेता नर्मो में 


छवि बने जग में कुछ ऐसा

हृदय कामना उन जैसा दिखूँ 


अब शब्द नहीं बाँकी मन में 

उनके निधन पर मैं कैसे लिखूँ ?


अमर दीप सा जलती जाऊँ 

मैं भी कवि अटल कहलाऊँ 


वो मधुरता वाणी की

वो कोमलता ज्ञानी की


वो तेेेज और वो नम्रता 

भला बताओ मैं कैसे सिखूँ ?


अब शब्द नहीं बाँकी मन में 

उनके निधन पर मैं कैसे लिखूँ?


प्रलय सा आया जन जन में 

उनके निधन पर मैं कैसे लिखूँ?


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