अपनो का प्यार (प्रेम)
अपनो का प्यार (प्रेम)
प्यार एक एहसास है
जो बचपन से ही हमसे जुड़ जाता है।
बच्चा जन्म लेते ही अपनों के बंधन में बंध जाता है।
वहीं उसे माता-पिता का प्यार मिलता है
तो कभी भाई- बहनों का प्यार मिलता है
कभी रिश्तेदारों का दुलार मिलता है
हर जगह से वो सबका प्यार पाता है।
स्कूल जाने लगे तो अध्यापकों का प्यार समझ आया
उनका हमें समझा के डांटना और भविष्य की जिम्मेदारी के लिए तैयार करना प्यार ही है।
बड़े हुए तो दोस्तों का प्यार समझ आया
हमारे हर काम में साथ देना और हमारी कमियां बताना उनका प्यार ही है।
शादी हुई तो पत्नी का प्यार समझ आया
हमारे हर सुख - दुख में साथ देना उनका प्यार ही है।
बच्चे हुए तो बच्चों का प्यार समझ आया
उनका वो तुतला कर बोलना और खिलौनों की जिद करना ही उनका प्यार है।
इस प्यार के अनेक रूप हैं
पर हर रूप में तरीका अलग है।
प्यार किसी का भी हो
प्यार तो आखिर प्यार है।
