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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

अफसोस हो रहा हैं

अफसोस हो रहा हैं

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क्या हुआ हैं आज मेरे दिल को,जो इतना तड़प रहा हैं, 

चेहरा मेरा हंस रहा है, और आंखों से आंसू बह रहे हैं।


कैसे समझाऊँ मेरे मन को, वो खयालों में डुब रहा हैं,

जो छोड़कर चली गई है उसको, फिर याद कर रहा हैं?


दिल से प्यार किया था मैंने, उसने दिल मेरा तोड़ा हैं,

महकती मेरी प्यार की बसंत को, पतझड बना दिया हैं।


भूलना चाहता हूंँ उस बेवफा को, आज याद आ रही हैं,

उस की नफ़रत की आग मेरे रोम रोम को जला रही हैं। 


अब मेरा अकेलापन मुझको, आज गमगीन बना रहा हैं,

उसको प्यार करने का "मुरली" मुझे अफसोस हो रहा हैं। 



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