अनाथ बच्चों के दिल की आवाज़
अनाथ बच्चों के दिल की आवाज़
क्या हुआ अगर हमें,
माँ-बाप का सहारा ना मिला,
रहने को सुंदर घर और,
खेलने को गलियारा न मिला।
चाहा तो हमने भी था,
अपनी माँ की गोदी में सोना।
पर मंजूर कर लिया हमने,
धरती माँ की गोदी में रोना।
बचपन के नाजुक दौर में,
हमने सिर्फ अँधेरा देखा है।
जाना है तो यही कि जीवन,
अपनों के बिना कितना फीका है।
चाहते तो हम भी इस बुरी किस्मत के,
आगे हार मान सकते थे।
पर माना यही कि हम ही थे,
जो इस किस्मत को हरा सकते थे।
सोचा- हम क्यों किसी के मोहताज बनेंगे,
हम भी अपनी गद्दी पर राज करेंगे।
आखिर, हमारे भी कुछ सपने हैं,
हमने भी चाहे कुछ अपने हैं।
जाना चाहते हैं हम भी उन उँचाइयों तक,
जहाँ पहुँच न सका हो कोई अब तक।
क्या हुआ अगर हमारे पास हथियार कम हैं,
आत्मविश्वास से भरपूर हम में भी दम है।
हम भी लड़ेंगे और पूरी करेंगे अपनी हर उमंग,
ये दुनिया भी देखेगी हमारी कला के नए रंग।
एक दिन ये किस्मत भी,
हमारे आगे नतमस्तक होगी।
और हरा ना दे जब तक हम इसे,
लड़ाई जारी हमारी तब तक होगी।।