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Annapurna Mishra

Drama Tragedy Others

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Annapurna Mishra

Drama Tragedy Others

अंजान उलझन

अंजान उलझन

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"घायल वो है

परेशान मैं क्यूं होता हूं 

चोट उसे लगी 

पर दर्द मुझे क्यूं हो रहा

मैं ये कैसी उलझन ढो रहा

मैं उसकी फिक्र से कैसे छुटकारा पाऊं

खुद को छोड़ अब मैं कहां जाऊं..

वो बेफिक्र है , मैं खुद में उदास रहता हूं

खुद से ही नाराज़ हो

अपनी गलती को सहता हूं..

खुद से ही रीझ के चिढ़ के

अपनो को दुख देता हूं 

ये मैं क्या करता हूँ..

कहीं कोई राह नहीं मिलता मुझको

अब और कौन सी सजा दूं खुद को..."



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