इस नववर्ष
इस नववर्ष
जिंदगी की लिखेंगे,हम तो नई इबारत
इस नववर्ष बदलेंगे,हम तो अपनी सूरत
जो शूल मिले,थे उन्हें मानेगें,अपने सबक
उन शूलों में परिश्रम से खिलाएंगे गुलशन
जो टूट चुकी है,भीतर की कर्मपथ सड़क
इस नववर्ष उसकी फिर से करेंगे,मरम्मत
जिंदगी में जिसको बनाया,अपनी हसरत
उस लक्ष्य के लिए करेंगे जी तोड़,मेहनत
जिनको सताया,हमने सच मे या भूलवश
उनसे माफी मांगने की करेंगे,हम हिम्मत
उसके आगे ही होता है,यह जमाना नत
जिसके पास होता है,सफलता का सच
अब छोड़ देंगे,वक्त बर्बाद करने की शरारत
इस नववर्ष वक्त की करेंगे,हम तो इज्जत
जो समयानुसार चला,उसने पाई शोहरत
इस नववर्ष बदलेंगे,हम तो अपनी सूरत
इस नववर्ष छोड़ देंगे,बुराईयों की सोहबत
उजालों का चुनेंगे,हम तो अपना नव पथ
नववर्ष की नई भोर का करेंगे,हम स्वागत
ओर उजालों को लिखेंगे,हम अपना खत
भीतर का अंधकार मिटाने के लिए समस्त
इस नव वर्ष खुद को बनाएंगे,हम तो सूरज।