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अनजान रसिक

Drama Romance Classics

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अनजान रसिक

Drama Romance Classics

एक बहन तो होनी ही चाहिए

एक बहन तो होनी ही चाहिए

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चाहें कैसी भी हो, एक बहन तो होनी ही चाहिए,

बड़ी हों तो गलती पर सख्त होकर कान खींचने वाली,

छोटी हों तो दुबक के पीछे छुप जानें वाली एक साथी होनी ही चाहिए,ऐसी एक सखा एक सहोदर होनी ही चाहिए,

चाहें कैसी भी हों, एक बहन तो होनी ही चाहिए।


चाहें कैसी भी हों, एक बहन तो होनी ही चाहिए,

बड़ी हों तो माँ बाप की तरह कभी छत्रछाया बन जाए तो कभी गलती पर कान खींच कर नाराज़गी जताये,

छोटी हों तो हर मुसीबत में साथ पाने को तत्पर हो पास दौड़ी चली आये, ऐसी एक हमजोली होनी ही चाहिए,

चाहें कैसी भी हों, एक बहन तो होनी ही चाहिए।


चाहें कैसी भी हों, एक बहन तो होनी ही चाहिए,

बड़ी हों तो हर पल मार्गदर्शन करके सही राह दिखाने वाली,

छोटी हों तो आँख बंद करके अनुसरण करने वाली, एक वफादार हमदम होनी ही चाहिए,

चाहें कैसी भी हों, एक बहन तो होनी ही चाहिए।


चाहे कैसी भी हो, एक बहन तो होनी ही चाहिए,

बड़ी हो तो अपनी आगोश में समेट कर संरक्षक बन जाने वाली

छोटी हो तो गोद में सर रख कर जन्नत पाने की अनुभूति करा जानें वाली,एक रहबर, एक रक्षक होनी ही चाहिए,

चाहें कैसी भी हों, एक बहन तो होनी ही चाहिए।


चाहे कैसी भी हो, एक बहन तो होनी ही चाहिए,

बड़ी हो तो डांट फटकार कर हक़ जमाने वाली,

छोटी हो तो जिद पूरी करा कर मनमानी करने वाली,एक घनिष्ठ मित्र होनी ही चाहिए,

चाहें कैसी भी हों, एक बहन तो होनी ही चाहिए।


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