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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

हारे के सहारे

हारे के सहारे

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यशोदा माता के वो तो है, दुलारे

देवकी मां के वो है, आंखों के तारे

सारे चराचर जग के वो है, रखवारे

परमात्मा श्री कृष्ण दयालु है, हमारे


हर ओर से हारे हुए के वो है, सहारे

पत्थर घट को भी लगाते है, किनारे

आज तो श्री कृष्ण जन्माष्टमी है, प्यारे

सब जन बोलो हाथी, घोड़ा, पालकी


जोर से बोलों जय हो नंदलाल की

चहुँओर गूंजते है, ऐसे ही जयकारे

जब हर ओर से फिरो, तुम मारे-मारे

जाओ श्री कृष्ण की शरण, तुम प्यारे


वो लगाएंगे, तुम्हारी भव नैया किनारे

निर्मल मन से जो भी उन्हें, पुकारे

वो आ जाते, छोड़कर महल चौबारे

जब आये थे, सुदामा वक्त के मारे


द्वारपालों ने उन्हें, दिए, कई दुत्कारे

चले जाओ, तुम यहाँ से ब्राह्मण प्यारे

द्वारकाधीश मीत न होंगे, ऐसे थके-हारे

पर श्री कृष्ण तो थे, अंतर्यामी, सितारे


दौड़ आये, भरकर अक्षु आंख किनारे

बोले केशव, क्या भूल गये मुझे प्यारे

जो बिना मिले जा रहे, द्वार से हमारे

मिले गले, बचपन के पल यादकर सारे


जिस रूप में उनके भक्त उन्हें, पुकारे

उसी रूप में आ जाते है, प्रभु हमारे

वो तो सदा चलाते अधर्म पर तलवारे

चाहे सामने कई रिश्ते क्यों न हो प्यारे


गीता में कर्म करने के लगाये, जयकारे

कर्म करो, फल की इच्छा न करो, यहां रे

जैसा कर्म करोगे, वैसा फल पाओगे प्यारे

अच्छे कर्म करो, चल पाओगे बिना सहारे


आज नफरत के भी चल रहे, कई नारे

कान्हा की शिक्षा को याद करे, हम सारे

जिन्होंने बढ़ाये थे, हर तरफ ही भाईचारे

वो बात अलग है, दुष्ट भी आपने थे, संहारे


महाभारत में बिन हथियार, कई कौरव मारे

अधर्म को न सहो, चलाओ इस पर तलवारे

गुड़ जैसे मीठे हो सकते है, दरिया कई खारे

गर आपकी वाणी में मिठास, सत्य है, प्यारे  


श्री कृष्ण ने कहा, सँघर्ष मेरा कौनसा कम है

जन्म जेल में लिया, फिर भी आंखे न नम है

कोशिश करो, संघर्ष से कतई भी न डरो, प्यारे

आज न कल होंगे, कोशिश से जमीं पे सितारे।


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