Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dhanjibhai gadhiya

Drama Romance

3  

Dhanjibhai gadhiya

Drama Romance

बरज़ोरी

बरज़ोरी

1 min
235


तू है राधिका गोरी गोरी, तू है बरसाने की छोरी,

मैं बाट देखत हूँ तेरी, तू क्यूं करती है बरज़ोरी? ..

जब जब बृज़ में तू आती है, बृज की बसंत खिलती है,

पायल की छूम छननन छन से, लता पता लहराती है।

तेरी अदा है नखराली, तेरी आंखें है कजरारी,

मैं बाट देखत हूँ तेरी, तू क्यूं करती है बरज़ोरी? ...

सपनें में आके तड़पाकर, मेरी निंद क्यूं तू उड़ाती है?  

 तिरछ़ी आंखें नचाकर मुझ को, तू क्यूं तरसाती है? 

तेरी चाल है मतवाली, मेरे दिल में बस जा प्यारी,

मैं बाट देखत हूँ तेरी, तू क्यूं करती है बरज़ोरी?...

शरद पूनम की रात खिली है, यमुना तट पे तू आज़ा,

सोलह शृंगार सज कर के अब , रास में नृत्य तू कर ज़ा।

मैं बजाऊं "मुरली" मधुरी, मेरी तान कर अब तू पुरी,

मैं बाट देखत हूँ तेरी, तू क्यूं करती है बरज़ोरी?...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama