हुस्न की महफ़िल
हुस्न की महफ़िल
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रिमझिम रिमझिम बारिश की ये,
घटा छा गई है,
आजा सनम मधुर मिलन की ये,
मौसम आ गई है।
न करो देर मेरी दिलरुबा ये,
शीतल हवा चल रही है,
दिल में से प्यार के बादलों की,
गर्जना हो रही है।
चमक रही है बिजली अब ये,
दिल मेरा धड़क रहा है,
तेरे यौवन की तड़प से मेरा,
मन बेचैन हो रहा है।
न रहो दूर मेरी दिलरुबा ये,
प्यार की प्यास बढ़ रही है,
न तड़पाना ज़ानेमन "मुरली",
हुस्न की महफ़िल सजी है।