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Dr. Anu Somayajula

Abstract Children

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Dr. Anu Somayajula

Abstract Children

अब चुप है

अब चुप है

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पापा

देखो मेरा रोबोट क्यों चुप है।

बातें तो ना करता

पर कल तक

मुझसे खेला तो करता था,

अब चुप है।


ख़ूब हिला डुला कर देखा

फ़िर फ़िर भर डाली चाबी भी,

ना चलता फिरता

ना हाथ हिलाता

कल तक तो सब कुछ करता था,

अब चुप है।


मैं तो बड़ा हो गया

यह छोटा था, छोटा ही रहा,

हाथ पकड़ ना पाऊं

घुटनों पर ही उसके संग चल पाऊं

पर यह मेरा सच्चा साथी था,

अब चुप है।


इसको थोड़ा बड़ा कर देना

मेरा कंधा छू जाए, बस इतना

कुछ लचक भी

इसके हाथों में भरना

थोड़ी हंसी गले में भरना, पर इसको

चुप ना रखना।


हाथों में हाथ दिए

तब हम घर भर में घूमेंगे

इक दूजे कंधे पर हाथ धरेंगे

ख़ूब हंसेंगे

ख़ुश देख हमें तुम भी मस्काना, पापा इसको अब

चुप ना रखना।


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