आँसू
आँसू
आँखों में आँसू दिल में सैलाब लिए बैठे हैं
फिर वही अकेलापन और झुंझलाहट लिए बैठे हैं
सोचते हैं आज फिर हम गलत हैं या फिर तुने वही गलती दोहराई
क्योंकि आज फिर हम खुशियों की जली राख लिए बेठे हैं !
आँखों में आँसू दिल में सैलाब लिए बैठे हैं
फिर वही अकेलापन और झुंझलाहट लिए बैठे हैं
सोचते हैं आज फिर हम गलत हैं या फिर तुने वही गलती दोहराई
क्योंकि आज फिर हम खुशियों की जली राख लिए बेठे हैं !