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Chandragat bharti

Romance Tragedy

4.7  

Chandragat bharti

Romance Tragedy

आँखों की हरकतों से

आँखों की हरकतों से

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आँखों की हरकतों से

कोई बचा नही है 

करती हैं वार ये तो

सबसे नजर बचाके।


जादू से ये भरी हैं

बेखौफ डोलती हैं

पर आशिकों के दिल को

पहले टटोलती हैं

करती हैं प्यार ये तो

सबसे नजर बचाके।


इस झील में जो उतरा

वापस न लौट पाया

कातिल हैं और ठग ये

जग ने यही बताया

करती हैं रार ये तो 

सबसे नजर बचाके।


अच्छा यही है इनके

संग उम्र भर निभाना

ये रूठ जायें फिर तो

बेरंग है जमाना

देती हैं खार ये तो

सबसे नजर बचाके।


दिखने में भले भोली

बेमौत मारती हैं

हो जायें मेहरबाँ तो

किस्मत सँवारती हैं

होती हैं चार ये तो

सबसे नजर बचाके।


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