आख़िरी पड़ाव
आख़िरी पड़ाव
खंडहर हो गया हूँ पर बेजान नहीं,
यूँ छोड़कर जाओ नहीं अभी,
कुछ रूह बाक़ी हैं अभी मुझ में
आकर संभालो तो सही!
माना है कि पुराना हो चला हूँ मैं
पर कुछ क़ीमत मेरी बाक़ी है अभी,
तुम्हारी देख रेख की बस ज़रूरत है,
प्यार से सजाओ तो सही!
कुछ तूफ़ान हैं जो अब न झेल पाऊँगा,
पर नींव मज़बूत हैं अभी,
तुम्हारी हँसी से ही महक जाऊँगा
कुछ पल मेरे संग बिताओ तो सही!
गिर जाऊँगा कुछ समय बाद,
पर तुम्हारे सहारे की ज़रूरत है अभी,
फिर न माँगूँगा कुछ तुम से,
बस आख़िरी बार मिलने आओ तो सही!
करोगे न पूरी ख्वाइश मेरी,
इंतज़ार मैं तुम्हारे बैठा हूँ अभी,
न आ पाए तो कोई बात नहीं,
यादों में अपने रखना तो सही।