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Divisha Agrawal Mittal

Others

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Divisha Agrawal Mittal

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शिक्षा का बाज़ार

शिक्षा का बाज़ार

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शिक्षा का बाज़ार सजा है,

पैसा दो, विद्या लो,

मोलभाव न करना बाबू,

दुकान हमारी ‘फिक्सड प्राइस’ है।


कांधे पर रखना न बोझ हमारे कोई भारी,

बच्चों के तुम्हारे जान की, सुरक्षा की,

न लेंगे हम कोई ज़िम्मेदारी,

पैसा तुम्हारा बनाता नहीं हमें आभारी।


बच्चों के सुनहरे भविष्य का तुम्हारा सपना,

पूरा करेंगे यह है वादा हमारा,

ज्ञान की आशा बस न रखना तुम,

गुरुकुल नहीं, धंधा है ये हमारा।


शिक्षा के तराजू पर पैसे का बोलबाला है,

तुम्हारे रुपयों ने ही तुम्हारे बच्चों पर बोझ डाला है,

हम से ना करो शिकायत,

हम तो दुकानदार हैं,

भीतर झांको अपने,

बूझो इनका कौन गुनहगार है!


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