STORYMIRROR

Madhu Vashishta

Action Inspirational

4  

Madhu Vashishta

Action Inspirational

यह वादियां बुला रही है तुम्हें

यह वादियां बुला रही है तुम्हें

1 min
268

उठो उठो ये वादियां बुला रही हैं तुम्हें।

फूलों की फैली सुगंध बुला रही हैं तुम्हें।

क्यों बैठे हो यूं उदास तुम मन को करे।

बदलते मौसम के साथ बदलते हैं जज्बात भला तू क्यों डरे।

बाहर आ तू देख आसपास बहुत से फूल हैं खिले।

इन वादियों में देख कितने रंग हैं भरे।

आसपास देख छाए हरियाली चिनार के पेड़ हैं खड़े।

तुझे बुलाएं हिला के हाथ क्यों नहीं तू उनसे मिले?

उठो उठो यह वादियां बुला रही है तुम्हें।

दुनिया के यह किस्से तो दुनिया में ही रह जाएंगे।

रूह को छू लेंगे नजारे जो तू इनको तक भर ले।

तू अकेला कहां इन नजारों के बीच में।

इनसे खूबसूरत नहीं कोई हालात 

फैला के हाथ तू इनसे बस मिल भर ले।

यह फूल भी तो एक समय मुरझाए होंगे।

पतझड़ के एक बार तो इन पर भी पड़े साए होंगे।

यह सारे फूल भी एक बार तो मुरझाए होंगे।

लेकिन देख यह ना फिर भी ना घबराए होंगे।

अब खिल गए फूल, दूर हुए बुरे हालात समझा रहे हैं तुम्हें।

उठो उठो यह वादियां बुला रही है तुम्हें।  


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action