फिर से धोखा
फिर से धोखा
बड़ी मुद्दतों के बाद उसे भुला कर
तुझे यादों में मैंने बसाया था
मुझे प्यार नहीं हुआ था पर
यकीन तो तूने ही दिलाया था
एक बार फिर दिल प्यार का
नाम सुनने को मजबूर हो गया
पहला प्यार और वह धोखा
जेहन से अब दूर हो गया
अब ख्वाब नये नये थे और
प्यार का एहसास भी नया हो रहा था
वह दिल फिर से खिलखिलाने लगा
जो रातों में जाग कर रो रहा था
इस बार फिर से किसी की बांहों में
सिमट जाने को दिल बेकरार था
वो पहला धोखा खाने के बाद
ये दूसरा वाला प्यार था
पर जो सोचो वह होता कहां है
फिर किसी फरेबी का साथ मिला
किसी को इतना चाहा कि
फिर से धोखा ही मेरे हाथ मिला
अब दिल को इतना मजबूत करूँगा कि
प्यार के नाम से ही दूर चला जाऊंगा
भले खाना पड़े कसमें वादे हजार
पर धोखा फिर से नहीं खाऊंगा
