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Ayush Kaushik

Abstract Action Inspirational

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Ayush Kaushik

Abstract Action Inspirational

दिक्कत कुछ भी नही

दिक्कत कुछ भी नही

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कितनी दिक्कत है हमें सबसे, लोगों से,

मौसम से, खुद से, भगवान से।

कैसे जी रहे है हम इतनी दिक्कतों में,

दम नहीं घुटता तुम्हारा।


बस जिये जा रहे हो, कुछ तो कहो मुझसे

क्यों दिक्कत में फंसे जा रहे हो।

बयां करो मन की तभी तन हल्का लगेगा

नहीं तो दिक्कत बनी रहेगी।


बात करो तुम न चुप रहो और

जीवन को इतना गम्भीरता से न लो।

कुछ भी हमेशा रहता नहीं न इंसान,

न मौसम, न तुम।


आज अभी में रहकर जीना सीखो

और दिक्कतों को सहना सीखो।

दिक्कत है तो तुम कुछ करने की सोचते हो

न हो तो तुम केवल सोचते हो।


हल ढूंढना ज़रूरी है और जो दिक्कत है

तो कामयाबी भी तुम्हारी है।

कितनी दिक्कत है हमें सबसे,

लोगों से, मौसम से, खुद से, भगवान से।



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