बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
कितनी इबादतों के बाद तुम
थे ज़िन्दगी में हासिल हुए
मेरे ख़्वाबों में तुम्हारे ख्वाब
थे आकर शामिल हुए
मुझे अपनी जान समझकर
अपना एहसास बना लिया था
ज़िन्दगी होगी खूबसूरत बहुत
यह विश्वास दिला दिया था
यह दुनिया बहुत ही हसीन
लगने लगी थी तुमसे मिलने के बाद
सोंचा था छुपा लोगे मुझे दुनिया से
अपना राज़दार बनाने के बाद
न जाने क्यों मिलने पर हमारे
ऐतराज़ था बहुत ज़माने को
शामिल हो गए सारे एक तरफ और
रौंद डाला प्यार के गुलदस्ते को
तुम खामोश रहे, मैं खामोश रही
जुदा कर दिए गए हमारे रास्ते
ज़माने ने छीना सब कुछ हमसे
और चुप बैठे हम उनके वास्ते
रीति, रिवाज, धर्म, जाति, देश
इश्क़ यह सब कहाँ देखता है
कोई पराया दिल के करीब लगता है
और ज़माना साथ निभाने से रोकता है
बदलते मौसमों की तरह
न कभी बदल पाए हम
वहीँ रोज़ सजदा करते रहे
जिस जगह कभी मिले थे हम
ज़माने ने कोशिश बहुत की पर
तुम कभी दिल से दूर नहीं हुए मेरे
आज गंगा के दामन में छुपकर
हो रही हूँ तेरी सदा के लिए, बिन फेरे