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Deepti S

Classics Inspirational Others

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Deepti S

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बाबुल की गुड़िया हूँ

बाबुल की गुड़िया हूँ

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फ़िल्म का नाम-केसरी

गाने की धुन-तेरी मिट्टी में मिल जावाँ


बाबा की लाडो परदेस चली है 

दूजी बगिया फूल खिलाना है

हो गयी आज परायी ये

माँग पिया सिन्दूर सजाया है


ओ बाबुल मेरे खुश रहना,हर बार दुआ में यही माँगूँ मैं

महकता रहे,मेरा बचपन,मैं जब भी लौटूँ तेरे आँगनऽऽऽ

सात जन्मो केऽऽऽ लिये बंधन

मुझे बांध दिया पिया के संग

अब हम दोनों को निभाने हैंऽ

जो साथ लिए हैंऽऽ सात वचनऽऽऽ


तेरी ख़ुशियोंऽऽऽ में शामिल हम

तेरे दुःख मेंऽऽऽ हैं हम तेरे संग

बस दिल सेऽऽऽ निभानाऽऽऽ तुम सफरऽऽऽऽ


ओ जीवनसाथी मेरे संग है जीवन तुमको ये बिताना

क्यूँ ढूँढ रहे मुझमें कमियाँ ये मिट्टी की है बनी काया

न काला गोरा कोई यहाँ 

सब दिल से जाने जाते हैं

न भेदभाव तू कर बंदे 

रिश्ते दिल से निभाए जाते हैं


मैं बाबुलऽऽ की गुड़िया हूँ 

उनके नाजोंऽऽऽ की पुड़िया हूँ 

तुम देना,कोई न दुःख मुझेऽऽ


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