हँसे तो सुबह मेरी
हँसे तो सुबह मेरी
हे प्रिये,
आप हँसे तो सुबह मेरी,
आप रोये तो रात।
हे प्रिये,
तुम शीतल बनकर आओ तब,
समंदर उछले सात।
हे प्रिये,
तेरी परछाई के पीछे-पीछे
दौड़ पड़े गुलाब।
तेरी जुल्फे देखकर,
प्रिये,
उड़ने लगे सैलाब।
हे प्रिये,
तेरे उजियारों से,
घर में मिले सही सुवास।
हे प्रिये,
तेरे स्पर्श से
मेरी निर्जन
रात बन जाये प्यारी।
आप हँसे तो सुबह मेरी
आप रोये तो रात।।