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Dr. Gulabchand Patel

Drama

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Dr. Gulabchand Patel

Drama

विवाह

विवाह

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विवाह एक संस्कार है, 

नहीं तो जीवन अंधकार है। 


विवाह दो परिवार का सेतु है,

हमारे जीवन मंगल का हेतु है।


जीवन का ये संस्कार है, 

साथ जीने का एतबार है। 


विवाह सामाजिक दर्पण है 

स्त्री समर्पण जीवन अर्पण है। 


विवाह सामाजिक संस्कृति है, 

आदर्श और रक्षा की आकृति है।


विवाह समझ से जुड़ना है, 

जिम्मेवारी की ओर मुड़ना है। 


विवाह सप्त पद की यागना है

साथ जीवन जीने की प्रतिगना है।


विवाह दो शरीर का मिलन हे 

मन, ह्रदय और आत्मा का जुड़ान है। 


मनुष्य जीवन में संस्कार सोलह है 

विवाह जीवन में संस्कार तेरहवा है। 


कवि गुलाब कहे, 

विवाह प्रेम से करना है, 

साथ जीना और साथ मरना है। 


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