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सुशान्त झा अवलोकित

Drama

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सुशान्त झा अवलोकित

Drama

मृग-मरीचिका

मृग-मरीचिका

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इंसानियत की खोज में हो ?

लगे रहो


पर ध्यान रहे

यह खोज मृग-मरीचिका का मानवीय स्वरुप ही तो है

कई दशकों से,


तुमने आइना नहीं देखा है शायद !

देखोगे तो पाओगे,


अब नहीं है निशान मात्र भी

संवेदना के उस काले टीके का,

जो लगाया गया था

तुम्हें बुरी नज़र से बचाने को ।।


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