मृग-मरीचिका
मृग-मरीचिका
इंसानियत की खोज में हो ?
लगे रहो
पर ध्यान रहे
यह खोज मृग-मरीचिका का मानवीय स्वरुप ही तो है
कई दशकों से,
तुमने आइना नहीं देखा है शायद !
देखोगे तो पाओगे,
अब नहीं है निशान मात्र भी
संवेदना के उस काले टीके का,
जो लगाया गया था
तुम्हें बुरी नज़र से बचाने को ।।