तेरी याद आयी है
तेरी याद आयी है
आज फिर मेरे शब्दों ने,
वाह-वाही कमाई है,
लगता है शायद,
तेरी याद आयी है ।
जकड़ी हुई बाहों ने,
भरी आज अंगड़ाई है,
लगता है जैसे,
तेरी याद आयी है ।
सन्नाटे में एक,
आहट-सी सुनाई है,
मुझे तेरी याद आयी है ।
भीड़ में चलते एक,
भीनी-सी खुशबू आयी है,
ऐ सनम मुझे,
तेरी ही याद आयी है ।
यूँ तो मान लिया था कहना,
ना मिलने,
ना एक दूसरे को देखने,
की सज़ा को सहना,
फिर क्यों आज,
मुझे तेरी याद आयी है ?