मेरे पापा
मेरे पापा
मैं जब रास्ता भूल जाता हूँ
तो वो गूगल मैप बनते है,
कभी जब रूठ जाता हूँ
तो सांता क्लोज बनते है,
मैं रोता हूँ तो अंदर से
वो अक्सर टूट जाते है,
मगर मेरे लिए हर वक़्त
वो शमशीर बनते है,
खुद रहते है
पुराने कपड़ो में अक्सर,
लेकिन मेरे लिए वो
गारमेंट्स का शोरूम बनते है|
काटते है खुद
पुराने ही जूतों में मगर
मेरे लिए जूतों का
हर बार बोलते है,
खुद ने खाना खाया
या नहीं खाया मगर,
मैंने खाया होगा कि नहीं
- इस चिंता में परेशान
वो हर वक़्त रहते है,
मैं जब असफल होता हूँ
तो कुछ टूट जाता हूँ,
हर उस पल में वो
हिम्मत मुझे भरपूर देते है,
देने मुझे वो हर ख़ुशी
इस जहां की,
बहुत से दुखो को
हर रोज़ सहते है...!