ये बेवफा दुनिया और मेरी माँ...। ये बेवफा दुनिया और मेरी माँ...।
माँ के बारे में एक कविता...। माँ के बारे में एक कविता...।
सारे पक्षी चले गए अपने जहाँ को और तूने अभी तक आँखें तक नहीं खोली...! सारे पक्षी चले गए अपने जहाँ को और तूने अभी तक आँखें तक नहीं खोली...!
मेरे दो अनमोल रतन एक हो बेटा एक हो बेटी... मेरे दो अनमोल रतन एक हो बेटा एक हो बेटी...
ऐ मेरे मनमीत बादल इन होंठों के गीत बादल, तू बरस पर वे न बरसे अपने बेटों को न तरसे। ऐ मेरे मनमीत बादल इन होंठों के गीत बादल, तू बरस पर वे न बरसे अपने बेटों को न ...
जैसे पंछी अँधेरे होते लौट आते तुम भी घर लौट आना बेटा तुम लौट आना इस दिवाली लौट आना अपने हाथो से ... जैसे पंछी अँधेरे होते लौट आते तुम भी घर लौट आना बेटा तुम लौट आना इस दिवाली लौ...